सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में सामान्य हिन्दी (या आठवीं अनुसूची में शामिल कोई एक भारतीय भाषा) के लिए 300 अंक निर्धारित होते हैं। यह एक अनिवार्य प्रश् पत्र है, जिसमें केवल अर्हता प्राप्त करनी होती है। इसमें प्राप्त अंकों को योग्यता क्रम निर्धारित करने में नहीं जोड़ा जाता। इसके बावजूद इस प्रश् पत्र की उपेक्षा नहीं की जा सकती, क्योंकि यदि कोई अभ्यर्थी इसमें उत्तीर्ण नहीं हो पाता है, तो उसके शेष प्रश्-पत्रों के उत्तर पत्रों को जांचा ही नहीं जायेगा। मतलब स्पष्ट कि आपने भले ही शेष प्रश् पत्रों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया हो, लेकिन यदि आप अनिवार्य प्रश्-पत्र हिन्दी (और अंग्रेजी भी) उत्तीर्ण नहीं हो पाते हैं, तो आपकी सारी मेहनत बेकार चली जायेगी। इस लिए इन प्रश् पत्रों को हल्के से न लें और इनकी तैयारी के प्रति पूरी सावधानी बरतें। हिन्दी माध्यम से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को सामान्य हिन्दी के प्रश् पत्र में कोई खास परेशानी नहीं होती है, इसके बावजूद उन्हें भी इसकी तैयारी के प्रति उपेक्षा नहीं बरतनी चाहिए। इस प्रश् पत्र में उन अभ्यर्थियों को अधिक परेशानी होती है, जिनका माध्यम शुरू से ही अंग्रेजी रहा है। हालांकि वे हिन्दी क्षेत्र के होते हैं और सामान्य हिन्दी की परीक्षा में शामिल होना उनकी विवशता होती है। ऐसे अभ्यर्थियों को इस प्रश् पत्र में कठिनाई इसलिए होती है, क्योंकि हिन्दी लिखने पढ़ने से उनका नाता टूटा होता है- हालांकि यह भी सच है कि उनका माध्यम भले ही अंग्रेजी होता है, लेकिन अपने परिवार के सदस्यों मित्रों तथा अन्य आत्मीय जनों के साथ उनकी बातचीत का माध्यम हिन्दी या हिन्दी की कोई क्षेत्रीय बोली ही होती है। ऐसे अभ्यर्थियों को परेशानी से बचने के लिए हिन्दी भाषा के साथ अपना संपर्क कमोबेश बनाये रखना चाहिए-इससे न केवल उनका आत्मविश्वास ही बढ़ेगा, बल्कि उन्हें हिन्दी में लिखने-पढ़ने समझने में कभी कोई दिक्कत नहीं होती।
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के पाठयक्रम के अनुसार सामान्य हिन्दी का प्रश् पत्र मैट्रिकुलेशन या समकक्ष स्तर का होता है। इस प्रश् पत्र का उद्देश्य अभ्यर्थियों द्वारा इस भाषा में अपने विचारों को स्पष्ट तथा सही रूप में प्रकट करने की योजना की जांच करना होता है।
पाठयक्रम का विश्लेषण
इस पाठयक्रम के आधार पर निम् प्रकार के कुल 6 प्रश् पूछे जाते हैं।
1.दिए गये विषयों में से किसी एक पर लगभग तीन सौ शब्दों में निबंध लिखना (100 अंक)
2. दिये गये गद्यांश को पढ़ना और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में देना (60 अंक)
3. दिये गये गद्यांश को पढ़ना और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा में लगभग 200 शब्दों में देना। संक्षेपण निर्धारित कागज पर ही लिखना होता है, और लिखे गये संक्षेपण में व्यक्त शब्द संख्या का अवश्य उल्लेख करना होता है। उत्तर पुस्तिका के साथ दिए गये निर्धारित कागज पर संक्षेपण न लिखने की स्थिति में या फिर निर्धारित शब्द सीमा से अधिक में संक्षेपण करने पर आपके अंक काटे जा सकते हैं। (60)
4. चौथे प्रश् में दिये गये अंग्रेजी गद्यांश का हिन्दी में अनुवाद करना होता है, इसके लिए 20 अंक निर्धारित होते हैं।
5. पांचवें प्रश् में दिए गये हिन्दी गद्यावतरण का अंग्रेजी में अनुवाद करना होता है। इसके लिए 20 अंक निर्धारित होते हैं।
6. यह प्रश् शब्द प्रयोग तथा शब्द भंडार पर आधारित होता है। इसके लिए कुल 40 अंक निर्धारित होते हैं। इसमें प्राय:तीन तरह के प्रश् पूछे जाते हैं।
दिये गये मुहावरों और लोकोक्तियों का अर्थ स्पष्ट करना और उनका वाक्यों में प्रयोग करना
शब्द युग्मों का वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग करना, जिससे उन शब्दों का अर्थ स्पष्ट हो जाये, साथ ही उन दोनों शब्दों के बीच का अंतर भी स्पष्ट हो जाये (10)
इसमें अशुध्द वाक्यों को शुध्द करके लिखना होता है (10)
अंग्रेजी अनुवाद पर दें ध्यान
जिस स्तर पर परीक्षा आप देने जा रहे हैं वह प्रथम श्रेणी अधिकारी के लिए होती है। ऐसे में संघ लोक सेवा आयोग आपसे यह अपेक्षा करता है कि आप दोनों भाषाओं (हिन्दी और अंग्रेजी) का कार्यसाधक ज्ञान अवश्य रखें। प्राय: हिन्दी भाषी और हिन्दी माध्यम के अधिकांश अभ्यर्थियों की पकड़ अंग्रेजी पर उतनी नहीं होती जितनी उनसे अपेक्षित होती है। लिहाजा, इस स्थिति में उन्हें हिन्दी प्रश् पत्र में शामिल 20-20 अंक के दो प्रश्नों (हिन्दी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद) का उत्तर देने में परेशानी होती है। ऐसे अभ्यर्थियों को चाहिए कि वे अपनी जानकारी के अनुसार यथासंभव इनके उत्तर देने की कोशिश करें, हो सकता है कि इन दोनों प्रश्नों में कुछ अंक आपको मिल जायें। इनमें कम अंक प्राप्त होने की अवस्था में अभ्यर्थियों को चिंता नहीं करनी चाहिए। क्यों कि कुल 300 अंकों के प्रश्-पत्र में इन दोनोंप् रश्नों के लिए 40 अंक निर्धारित होते हैं। आप शेष बचे 260 अंकों के प्रश्नों के उत्तर अच्छी प्रकार से दें।
वैसे, अंग्रेजी व्याकरण का अध्ययन करने के साथ-साथ नियमित रूप से थोड़ा ही सही किसी अंग्रेजी अखबार का भी अध्ययन करने से अंग्रेजी भाषा पर पकड़ बनने लगती है। यदि आप किसी भी तरह से अनुवाद वाले इन दोनों प्रश्नों का उत्तर देने से बचना चाहते हैं, तो भी परेशान होने की जरूरत नही हैं।
निबंध : उक्त 260 अंकों के प्रश्नों में से पहला प्रश् दिये गये विषय पर 300 शब्दों में निबंध (100 अंक) लिखने का होता है। यहां पर, निबंध लेखन का उद्देश्य आपकी विध्दता को परखना नहीं होता है, बल्कि इसका उद्देश्य आपके प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति कौशल की जांच करना होता है। इसके द्वारा यह देखने की कोशिश की जाती है कि आप कितने प्रभावशाली ढंग से अपनी बात को रख पाते हैं। निबंध लिखते समय शब्द सीमा का हमेशा ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि सीमा से अधिक शब्द हो जाने पर आपके अंकों में कटौती की जा सकती है। इस परीक्षा में जिस तरह के निबंध पूछे जाते हैं, उसके लिए अलग से किसी पुस्तक को पढ़ने की कोई खास आवश्यकता नहीं है। निबंध लेखन (200 अंकों का प्रश् पत्र) की तैयारी यहां पर बखूबी काम आती है।
गद्यांश : गद्यांश पर आधारितप्रश्नों के लिए अभ्यर्थियों से किसी विशेष ज्ञान की अपेक्षा नहीं होती। इसमें गद्यांश को सिर्फ सावधानीपूर्वक पढ़ना और उसे समझना अपेक्षित होता है। इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देने से पहले गद्यांश के भावार्थ को समझने की कोशिश करनी चाहिए। यदि आप गद्यांश को समझ चुके होते हैं तो फिर उससे पूछे गये प्रश्नों का अपने शब्दों में उत्तर देना आपके लिए कतई मुश्किल नहीं होता। यह प्रश् कुल 60 अंकों का होता हैयानी दिये गये गद्यांश के आधार पर 12-12 अंक के कुल 5 प्रश् पूछे जाते हैं। यदि आपने पांचों प्रश्ों के सटीक उत्तर दे दिये तो आपको 40 अंक बड़े आराम से मिल सकते है।
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के पाठयक्रम के अनुसार सामान्य हिन्दी का प्रश् पत्र मैट्रिकुलेशन या समकक्ष स्तर का होता है। इस प्रश् पत्र का उद्देश्य अभ्यर्थियों द्वारा इस भाषा में अपने विचारों को स्पष्ट तथा सही रूप में प्रकट करने की योजना की जांच करना होता है।
पाठयक्रम का विश्लेषण
इस पाठयक्रम के आधार पर निम् प्रकार के कुल 6 प्रश् पूछे जाते हैं।
1.दिए गये विषयों में से किसी एक पर लगभग तीन सौ शब्दों में निबंध लिखना (100 अंक)
2. दिये गये गद्यांश को पढ़ना और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में देना (60 अंक)
3. दिये गये गद्यांश को पढ़ना और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर अपनी भाषा में लगभग 200 शब्दों में देना। संक्षेपण निर्धारित कागज पर ही लिखना होता है, और लिखे गये संक्षेपण में व्यक्त शब्द संख्या का अवश्य उल्लेख करना होता है। उत्तर पुस्तिका के साथ दिए गये निर्धारित कागज पर संक्षेपण न लिखने की स्थिति में या फिर निर्धारित शब्द सीमा से अधिक में संक्षेपण करने पर आपके अंक काटे जा सकते हैं। (60)
4. चौथे प्रश् में दिये गये अंग्रेजी गद्यांश का हिन्दी में अनुवाद करना होता है, इसके लिए 20 अंक निर्धारित होते हैं।
5. पांचवें प्रश् में दिए गये हिन्दी गद्यावतरण का अंग्रेजी में अनुवाद करना होता है। इसके लिए 20 अंक निर्धारित होते हैं।
6. यह प्रश् शब्द प्रयोग तथा शब्द भंडार पर आधारित होता है। इसके लिए कुल 40 अंक निर्धारित होते हैं। इसमें प्राय:तीन तरह के प्रश् पूछे जाते हैं।
दिये गये मुहावरों और लोकोक्तियों का अर्थ स्पष्ट करना और उनका वाक्यों में प्रयोग करना
शब्द युग्मों का वाक्यों में इस प्रकार प्रयोग करना, जिससे उन शब्दों का अर्थ स्पष्ट हो जाये, साथ ही उन दोनों शब्दों के बीच का अंतर भी स्पष्ट हो जाये (10)
इसमें अशुध्द वाक्यों को शुध्द करके लिखना होता है (10)
अंग्रेजी अनुवाद पर दें ध्यान
जिस स्तर पर परीक्षा आप देने जा रहे हैं वह प्रथम श्रेणी अधिकारी के लिए होती है। ऐसे में संघ लोक सेवा आयोग आपसे यह अपेक्षा करता है कि आप दोनों भाषाओं (हिन्दी और अंग्रेजी) का कार्यसाधक ज्ञान अवश्य रखें। प्राय: हिन्दी भाषी और हिन्दी माध्यम के अधिकांश अभ्यर्थियों की पकड़ अंग्रेजी पर उतनी नहीं होती जितनी उनसे अपेक्षित होती है। लिहाजा, इस स्थिति में उन्हें हिन्दी प्रश् पत्र में शामिल 20-20 अंक के दो प्रश्नों (हिन्दी से अंग्रेजी और अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद) का उत्तर देने में परेशानी होती है। ऐसे अभ्यर्थियों को चाहिए कि वे अपनी जानकारी के अनुसार यथासंभव इनके उत्तर देने की कोशिश करें, हो सकता है कि इन दोनों प्रश्नों में कुछ अंक आपको मिल जायें। इनमें कम अंक प्राप्त होने की अवस्था में अभ्यर्थियों को चिंता नहीं करनी चाहिए। क्यों कि कुल 300 अंकों के प्रश्-पत्र में इन दोनोंप् रश्नों के लिए 40 अंक निर्धारित होते हैं। आप शेष बचे 260 अंकों के प्रश्नों के उत्तर अच्छी प्रकार से दें।
वैसे, अंग्रेजी व्याकरण का अध्ययन करने के साथ-साथ नियमित रूप से थोड़ा ही सही किसी अंग्रेजी अखबार का भी अध्ययन करने से अंग्रेजी भाषा पर पकड़ बनने लगती है। यदि आप किसी भी तरह से अनुवाद वाले इन दोनों प्रश्नों का उत्तर देने से बचना चाहते हैं, तो भी परेशान होने की जरूरत नही हैं।
निबंध : उक्त 260 अंकों के प्रश्नों में से पहला प्रश् दिये गये विषय पर 300 शब्दों में निबंध (100 अंक) लिखने का होता है। यहां पर, निबंध लेखन का उद्देश्य आपकी विध्दता को परखना नहीं होता है, बल्कि इसका उद्देश्य आपके प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति कौशल की जांच करना होता है। इसके द्वारा यह देखने की कोशिश की जाती है कि आप कितने प्रभावशाली ढंग से अपनी बात को रख पाते हैं। निबंध लिखते समय शब्द सीमा का हमेशा ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि सीमा से अधिक शब्द हो जाने पर आपके अंकों में कटौती की जा सकती है। इस परीक्षा में जिस तरह के निबंध पूछे जाते हैं, उसके लिए अलग से किसी पुस्तक को पढ़ने की कोई खास आवश्यकता नहीं है। निबंध लेखन (200 अंकों का प्रश् पत्र) की तैयारी यहां पर बखूबी काम आती है।
गद्यांश : गद्यांश पर आधारितप्रश्नों के लिए अभ्यर्थियों से किसी विशेष ज्ञान की अपेक्षा नहीं होती। इसमें गद्यांश को सिर्फ सावधानीपूर्वक पढ़ना और उसे समझना अपेक्षित होता है। इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देने से पहले गद्यांश के भावार्थ को समझने की कोशिश करनी चाहिए। यदि आप गद्यांश को समझ चुके होते हैं तो फिर उससे पूछे गये प्रश्नों का अपने शब्दों में उत्तर देना आपके लिए कतई मुश्किल नहीं होता। यह प्रश् कुल 60 अंकों का होता हैयानी दिये गये गद्यांश के आधार पर 12-12 अंक के कुल 5 प्रश् पूछे जाते हैं। यदि आपने पांचों प्रश्ों के सटीक उत्तर दे दिये तो आपको 40 अंक बड़े आराम से मिल सकते है।
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